अभी-अभी श्रद्धेय श्रीयुत श्रीवल्लभजी शर्मा, इंदौर महानगर-निगम के पूर्व महापौर एवं पूर्व विधायक , भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेता एवं प्रखर प्रवक्ता , वरिष्ठ समाज सेवी एवं विप्र समाज के उन्नायक , खांडल विप्र महासभा के पूर्व कार्याध्यक्ष , संरक्षक एवं जननेता के आज दिनांक २६-०३-२०१२ को ब्रह्म्लीन होने की जानकारी मिली ! अप्रत्याशित तो नहीं पर बेहद ह्रदय-विदारक अवश्य है ! काफी अरसे से श्रद्धेय पंडितजी अस्वस्थ ही चल रहे थे पर उनका होना अपने आप में संबल देता था ! शायद इसी भावना से वो अब तक हमारे बीच थे ! अपनी धर्मपत्नी विदुषी श्रीमती सीता देवी के १४-०१-२०१२ को परलोकगमन से शिव समान व्यामोह ही उन्हें हमसे दूर ले गया ! इस देदीप्यमान नक्षत्र के अस्त होने से खांडल विप्र समाज की तो गहन क्षति हुई है जिसकी निकट भविष्य मै सम्पूर्ति असम्भव है ! इनकी यशोमई जीवनगाथा दीर्घावधि तक मानव-मात्र के मार्ग को प्रकाशित करती रहेगी ! श्रधेय पंडितजी अपने आचार-विचार-व्यवहार-दर्शन-ज्ञान और इन सबसे अर्जित यश-कीर्ति के साथ सदैव हमारे मार्गदृष्टा - पथप्रदर्शक रहेगे ! मेरा और उनका बहुत ही स्नेह-सम्मान का रिश्ता था ! राजनीति की असीम ऊँचाइयों के बीच से जब १९८२ में जोधपुर महाधिवेशन के समय और उसके बाद कार्यसमिति-सदस्य , कार्याध्यक्ष और महासभा संरक्षक रहते हुवे उन्होंने समाज सेवा के नए आयाम स्थापित किये ! अपनी अस्वस्थता के बावजूद कुछ वर्ष पहले दायें-बाएं चलती महासभा को पटरी पर लाने के लिए इंदौर मै आहूत बैठक और उनके प्रयास स्तुत्य थे ! आज श्रधेय पंडितजी का हमारे बीच से चले जाना एक अपूर्णीय क्षति है ! परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है की इस देवात्मा को अपनी चरण-शरण में चिरस्थाई शांति एवं सद्गति प्रदान करे तथा शोक संतप्त स्वकीय जन को इस असह्य वेदना को सहने की असीम शक्ति और उनके आदर्शो पर चलने की इच्छाशक्ति प्रदान करे ! ब्रह्म्लीन महामनस्वी को शत-शत नमन I
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संपादक 'विप्र सेतु' 'कलियुग संजीवनी'
संरक्षक अखिल भारतवर्षीय श्री खांडल विप्र महासभा
संस्थापक महासचिव वरिष्ठ नागरिक समिति
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