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KHANDAL VIPRA SAMAJ खांडल विप्र समाज
Saturday, March 13, 2010
शकुन तो सुन्दर है पर दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूंक कर पीता है. कभी-कभी नहीं भी पीता है
महासभा
द्वारा
प्रसारित
परिपत्र
में
लम्बे
अन्तराल
के
बाद
अपने
पूर्वाध्यक्षों
-
संरक्षकों
को
सम्मान
दिया
जाना
शुभ
संकेत
लगता
तो
है
पर
क्या
सचमुच
महासभा
अपने
पूर्वाध्यक्षों
-
संरक्षकों
द्वारा
समाज
को
किये
गए
और
निभाए
गए
वादों
को
फिर
से
याद
करेगी
।
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